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पटना। अगर ब्रेस्ट में गांठ हो, गांठ में दर्द नहीं हो ,चमड़ा में छेद जैसा लगे ,दवा लेने के बाद भी घाव सूखे नहीं ,निप्पल अंदर जा रहा हो ,भूख ना लगे ,वजन घट रहा हो तो यह लक्षण महिला में ब्रेस्ट कैंसर का हो सकता है।
ऐसा कहना था मेदांता हॉस्पिटल की ब्रेस्ट कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर निहारिका राय का।
पटना मेदांता हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता महीना के अवसर पर ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी एवं उसके बचाव के बारे में डॉक्टर निहारिका राय ने विस्तृत रूप से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण तेजी से बढ़ रहे हैं ,प्रत्येक 13 मिनट में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही है एवं हर 8 मिनट में एक महिला की ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हो रही है ।अगर समय पर ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हो जाए तो पीड़ित महिला पूरी तरह स्वस्थ हो सकती है जिसके कारण ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी।
डॉक्टर निहारिका राय ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षण ब्रेस्ट में गांठ बन जाना, गांठ में दर्द नहीं होना, निप्पल के पास चमड़े में छेद जैसा लगना, घाव अगर हो तो एंटीबायोटिक खाने के बाद भी अगर नहीं सुखा, निप्पल अंदर की ओर जा रहा हो, निप्पल के दबाने पर खून आता हो, भूख नहीं लगता हो ,वजन घट रहा हो तो हो सकता है ।
ऐसे में उपरोक्त लक्षण दिखाई पड़ने वाले महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए, ताकि समय पर उचित डायग्नोसिस हो सके। अगर समय पर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हुआ तो ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकती है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं प्रतिदिन 30 मिनट कम से कम व्यायाम करें ,बाहर का खाना ना खाएं, खान-पान में संतुलन बनाकर रखें ,स्वास्थ्य परीक्षण करते रहें अगर उनके फैमिली में कैंसर हो तो जिन टेस्ट कराते रहें, मोटापा को कम करने की कोशिश करें ,तो कैंसर से बचा जा सकता है।
गौर तलब है कि अक्टूबर के महीने को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता महीना के रूप में मनाया जाता है ताकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समय पर पहचान हो सके, और समय रहते उसका इलाज हो क्योंकि अगर समय पर ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हो जाती है तो पूरी तरह उसे ठीक किया जा सकता है।