10 अगस्त से राज्य के 13 जिलों में शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का शुभारंभ आज पटना के चाणक्य होटल में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने स्वयं मलेरिया रोधी दवा खाकर की।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मलेरिया एक गंभीर रोग है और राज्य से इसकी उन्मूलन के लिए कल से यानी 10 अगस्त से राज्य के 13 जिलों में मांस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम में फाइलेरिया बीमारी से मुक्ति के लिए लगभग 3.5 करोड़ लोगों को फाइलेरिया रोधी दबाए खिलाई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य में हाइड्रोसील से संक्रमित सभी मरीजों का ऑपरेशन फरवरी 2025 तक कर लिया जाना चाहिए ताकि हाइड्रोसील से संबंधित फाइलेरिया रोग का पूर्ण रूप से सफाया हो सके।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग से मुक्ति पाने के लिए शहर शहर एवं गांव में जाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए ताकि फाइलेरिया बीमारी के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी मिल सके क्योंकि फाइलेरिया एक ऐसा रोग है जिसका पूर्ण रूप से इलाज संभव नहीं है सिर्फ हाइड्रोसील में फाइलेरिया ग्रसित लोगों को ऑपरेशन के बाद इलाज संभव है अतः लोगों को जागरुक कर इस रोग से छुटकारा पाने के लिए दवा लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
यही कारण था कि इस कार्यक्रम में लोगों के बीच स्वास्थ्य मंत्री एवं अन्य लोगों ने सबके सामने फलेरिया रोधी दवा खाकर लोगों को जागरूक करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया डॉक्टर परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि कल से शुरू होने वाले राज्य के 13 जिलों में से 8 जिलों भोजपुर ,बक्सर, किशनगंज ,मधेपुरा, मधुबनी ,नालंदा ,नवादा और पटना में लाभार्थियों को दो दवाएं एल्बेंडाजोल और डी ई सी खिलाई जाएगी। जबकि शेष पांच राज्यों दरभंगा ,लखीसराय, पूर्णिया रोहतास और समस्तीपुर में तीन दवाएं एल्बेंडाजोल डि ई सी और इवरमेक्टिन खिलाई जाएगी। मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों ,गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार फाइलेरिया रोधी दबाए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के सामने खिलाई जाएगी ।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित है रक्तचाप, शुगर ,अर्थराइटिस या अन्य सामान रोगियों से ग्रसित व्यक्तियों को भी यह दवाएं खानी चाहिए। सामान्य लोगों को इन दावों के खाने से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते।अगर किसी को दवा खाने के बाद मिचली आए ,चक्कर जैसे लक्षण होते हैं तो यह शुभ संकेत है, इसका मतलब है कि उसे व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया की परजीवी मौजूद हैं जो की दवा खाने के बाद मर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान किसी लाभार्थी को दवा सेवन के बाद किसी प्रकार की कोई कठिनाई हो तो उससे निपटने के लिए हर ब्लॉक में रैपिड रिस्पांस टीम तैनात रहेगी।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने हरी झंडी दिखाकर फाइलेरिया रोग की की जानकारी देने वाली एवं जागरूक करने वाली रथ को रवाना किया।
फाइलेरिया से पूर्ण रूप से मुक्ति पाने के लिए 5 सालों में पांच बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना होगा। यानी 5 सालों में पांच खुराक फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने से पूर्ण रूप से फाइलेरिया से मुक्ति पा सकेंगे।