राजस्थान कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी के एक ट्वीट से राजस्थान के सियासी पारा अचानक गरम हो गई है।
पंकज चौधरी ने ट्वीट करते हुए गहलोत सरकार से कहा कि अगर उन्हें 3 महीने के लिए आरपीएससी की मुखिया बना दिया जाए ,तो इस में व्याप्त गंदगी को पूरी तरह साफ कर दूंगा।
उल्लेखनीय है कि आरपीएससी द्वारा आयोजित कई भर्ती परीक्षाओं में पेपर लिक कि मामला प्रकाश में आई है, जिससे प्रदेश के युवा काफी निराश हैं। पेपर लिक मामलों में आरपीएससी के कई सदस्य भी आरोपी है।
यही कारण है कि राजस्थान में पेपर लिक के मुद्दे पर बीजेपी गहलोत सरकार को घेर थी रही है।
आईपीएस पंकज चौधरी अपनी बेबाक राय के लिए मशहूर हैं ।2009 बैच के यह अधिकारी तेजतर्रार छवि का जाना जाता है केंद्र सरकार ने ,वसुंधरा राजे सरकार की सिफारिश पर 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया था ,उन पर आरोप लगा था कि पहली बीवी के रहते उन्होंने दूसरी शादी कर ली है ।बर्खास्तगी के बाद पंकज चौधरी केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चले गए ,जहां वे निर्दोष साबित हुए। उसके बाद उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्दोष करार दिया।
बर्खास्तगी के बाद आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी राजनीति में अपना भविष्य अजमाना चाहा ।2019 में लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जैसलमेर लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था, जिसे खारिज कर दिया गया। नामांकन में सर्विस से बर्खास्तगी के दस्तावेज पेश नहीं करने पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पंकज चौधरी को 2013 में जैसलमेर एसपी के रूप में पहली पोस्टिंग मिली थी ,उस दौरान उन्होंने प्रमुख हिस्ट्रीशीटर गाजी फकीर की हिस्ट्री खोल दी ।जो मुस्लिम समुदाय का धर्मगुरु और राजस्थान सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद का पिता था। उनकी इस कार्रवाई के बाद उन्हें बाड़मेर एसपी पद से हटा दिया गया था ।हालांकि उनके इस ट्रांसफर पर लोगों की काफी विरोध का सामना करना पड़ा था।
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के बाद पंकज चौधरी 2021 में वापस सर्विस ज्वाइन कर ली है।