जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस के युवराज और यहां जंगल राज्य के युवराज के बयानों को देखें तो ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों में झूठ बोलने की कंपटीशन छिड़ गई है ।
झूठ की राजनीति के महारथी बन रहे इन युवराज को समझना चाहिए कि उनके जंगल राज की कालीख 17 महीना पर बोले जा रहे झूठ से धुलने वाली नहीं है
उन्होंने कहा कि आजकल तेजस्वी 5 लाख नौकरी देने की झूठ का लगातार प्रचार कर रहे हैं, जंगल राज को युवराज से हमारा आग्रह है कि दिल पर हाथ रखकर जनता को बताएं कि इन नौकरियों को देने में उनका क्या योगदान है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी को समझना चाहिए कि इंटरनेट के जमाने में झूठ छुपा नहीं है कोई भी पुरानी खबरों को सर्च कर देख सकता है की मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 2020 में ही 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की घोषणा कर दी थी।
चुनाव के बाद सरकार बनते ही इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी तेजस्वी जी के कदम उसके बाद सरकार में पड़े उन्हें तो इन नौकरियों के बारे में जानकारी तक नहीं थी।
हकीकत यही है कि जब इंडिया सरकार में तय हुए शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी तब तेजस्वी जी के शिक्षा मंत्री कार्यालय तक नहीं जाते थे यहां तक की बहालियों के फाइल पर उनके हस्ताक्षर भी नहीं है।
इस मौके पर जदयू पैनलिस्ट डॉ मधुरेंद्र पांडे ने कहा कि हकीकत में लालू राबड़ी काल के 15 वर्षों की बजाय नीतीश सरकार के 17 महीना का बार-बार जिक्र कर तेजस्वी अपने डर को दिखला रहे हैं उन्हें पता है कि राजद राज के नाम पर उनके पास बताने को कुछ नहीं है।